Monday, July 26, 2010

बोल बम से जागो झारखंड

तस्वीर सौजन्य-पराशर प्रभात

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सावन में देश भर के शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन देवघर के बाबा वैद्यनाथ धाम पर रोज करीब एक लाख लोग आते हैं। एक महीने तक चलने वाला ये मेला,देखा जाए तो,एक छोटे-से कुंभ की तरह है। भक्तों में मालदार असामी तो कम होते हैं ,फिर भी, इस एक महीने की अपनी अर्थव्यवस्था है जो सुल्तानगंज से देवघर के बीच की बड़ी आबादी को प्रभावित करती है। धार्मिक दृष्टिकोण से इसके महत्व की चर्चा करने की तो शायद ज़रुरत भी नहीं है। मगर क्या हमारी व्यवस्था इसके प्रति सजग है? झारखंड अलग हुआ तो बिहार को दर्द ज़रूर हुआ लेकिन बाबा वैद्यनाथ का बिछड़ना उन्हें सबसे ज्यादा अखर रहा था। अलग राज्य का नाश कर रहे हम लोग बाबा के बारे में सोचते क्यों नहीं?
तरीके से नियमित-नियंत्रित की जाए तो मनोकामना बाबा का ये दरबार सुख,समृद्धि और सम्मान दिला सकता है। लूट-बाजारी को एक स्वस्थ बाज़ार में विकसित करने से किसी का नुकसान नहीं होगा। जागो झारखंड। गुड मार्निंग।

1 comment:

  1. bam bhole....ke sankhnaad ke saath main bhi tamam jharkhand se kehna chahti hun.....jago..jago...is raat ki subah kabhi to hogi...jago jharkhand

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