Jharkhand left behind not only other 27 states of India but even Uttrakhand and Chattisgarh. Range of problems but राजनीति का सबसे बुरा हाल है। Are'nt you 'the people' responsible? Come forward, join hands...जागो और जगाओ। इस ब्लॉग पर लिखना चाहें तो स्वागत है, मेल करें jago-jharkhand@gmail.com
Tuesday, June 29, 2010
निराशा की लहरों में उमंग की तरंग
झारखंड में आमजन निराश है और खास लोग चाहते हैं कि ये माहौल बना रहे। दरअसल दस साल के इस राज्य में जो लोग उभरे हैं उनमें ज्यादातर में इस आत्मविश्वास की घोर कमी है कि उन्होंने जो हासिल किया है वो उसके लायक हैं। उन्हें लगता है कि वो निराशा के माहौल और मौकापरस्ती के हुनर की वजह से उभर पाए हैं। ऐसा लगना काफी हद तक स्वाभाविक है और ऐसे लोग झारखंड समाज के हर तबके के मौजूद हैं- राजनीति में, व्यवसाय में, सामाजिक क्षेत्र में, शिक्षा जगत में, यहां तक कि सिविल सेवा की कठिन बाधा लांघकर आने वाले नौकरशाह भी इस ग्रंथि से मुक्त नहीं हैं।
Wednesday, June 2, 2010
इब्ने बतूता, बगल में जूता, पहने को करता है चुर्र
Tuesday, June 1, 2010
जागो झारखंड, नया सबेरा लाना है
राष्ट्रपति शासन, छे महीने पूरा होने से पहले एक बार फिर से राष्ट्रपति शासन। और बीच के महीनों में इस गैप का पूरा फायदा उठाने की कोशिश। ये राष्ट्रपति शासन एक गैप ही तो है- झारखंड के साढ़े तीन करोड़ लोगों के सपनों और उन सपनों को हासलि करने के लिए की गई कोशिश के बीच। ज़रा सोचिए - हम और आप झारखंड को उस मुकाम पर ले जाने के लिए क्या कर रहे हैं। क्या हम इसपर और उसपर सारी जिम्मेदारी फेंककर भाग नहीं रहे हैं।
Subscribe to:
Posts (Atom)