Monday, September 20, 2010

किंग मेकर अजय संचेती अपराधी है!



आलोक तोमर

डेटलाइन इंडिया
नई दिल्लीए 20 सितंबर- अगर आपको सरकार बनानी हैए गिरानी है या चलानी है तो सत्ता का एक सबसे बड़ा दलाल नागपुर में बैठा है। नाम है अजय संचेती। पता है 267ए त्रिकोणी पार्कए धर्मपेठए नागपुर और मोबाइल नंबर है 9822566969। मगर आपको सावधान करने की भारत सरकार के आर्थिक अपराधियों की सूची में भी इसका नाम है।

झारखंड का किंग मेकर होने का दावा करने वाला यह अजय संचेती है कौन? तकनीकी रूप से वह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का विशिष्ट आमंत्रित सदस्य है मगर उनका अतीत बहुत बड़े सवाल खड़े कर रहा है।

संचेती दरअसल सड़कों के ठेकेदार हैं और नितिन गडकरी जब महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री थे और उन्होंने सड़के बनाने का रिकॉर्ड कायम किया था तो बहुत सारे ठेके गडकरी के एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को मिले थे। गडकरी की कृपा से संचेती ने जो पैसा कमाया उसका एक हिस्सा झारखंड में अगर लगा भी दिया तो यह एक शानदार पूंजी निवेश है।

झारखंड के ताजा राजनैतिक घटनाक्रम के कुछ दिन पहले नितिन गडकरी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की यात्रा पर भी गए थे और संचेती के अलावा एक कोयला खदान मालिक भी उनके साथ था। संचेती ने एक और खदान मालिक को वहां बुला कर मुख्यमंत्री रमन सिंह से मिलवाया था और गडकरी की उपस्थिति में उनके काम करने के लिए कहा था। संचेती के काले कारनामें वैसे भी काफी लंबी फाइल तैयार है।

कुछ वर्ष पहले संचेती और उनकी कंपनी पर आयकर का छापा पड़ा था जिसमें संचेती परिवार के सदस्यों द्वारा चलाई जा रही वर्द्वमान सहकारी बैंक में बहुत बड़े आर्थिक घपले का पता चला था। आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस बैंक का इस्तेमाल संचेती और उनके परिवार ने काले धन की हेरा फेरी के लिए किया।

जांच के अनुसार संचेती परिवार के लोग और उनके कर्मचारी रोज वहां मोटा पैसा जमा करते थे और अगले दिन या एक दो दिन के भीतर यह पैसा डिमांड ड्राफ्ट के जरिए निकाल कर काले से सफेद हो जाता था। जांच में यह भी पता लगा था कि जिस बैंक अकाउंट से ड्राफ्ट बनवाया और जिस आदमी के नाम से बनाया गया उन दोनों का कोई अस्तित्व भी नहीं है।

इस जांच में संचेती को कायदे से जेल में होना चाहिए था। सिर्फ आठ से दस महीने के भीतर 40 करोड़ रुपए काले से सफेद किए गए और यह वह जानकारी है जो रोशनी में आई है। रिजर्व बैंक को इस जांच की सूचना दी गई और वर्द्वमान बैंक के खिलाफ रिजर्व बैंक ने अपनी जांच अलग से शुरू की जिसमे और भी सनसनीखेज तथ्य सामने आए।

जब संचेती के घर पर छापा पड़ रहा था उसी समय भारतीय जनता पार्टी के पश्चिम नागपुर के विधायक देवेंद्र फड़नवीस अपने बहुत सारे समर्थकों के साथ बैंक और उनके घर पहुंचे और नारेबाजी की। फड़नवीस ने तो अगले दिन अखबारों में बयान भी दिया कि ये छापे गैर कानूनी है।

अजय संचेती पीढ़ियों से संघ परिवार के साथ जुड़े रहे। महाराष्ट्र के बुलढाना जिले के मलकापुर कस्बे के रहने वाले संचेती के दादा जी भी संघ के सदस्य थे और पिता जी स्वर्गीय शक्ति कुमार संचेती भी संघ से जुड़े हुए थे। अजय संचेती ने धंधा चमकाने के लिए सिर्फ संघ परिवार से नहींए बल्कि सभी राजनैतिक दलों से रिश्ते कायम किए। इसी वजह से उनकी एसएमएस लिमिटेड कंपनी ने न सिर्फ सड़के बनाई बल्कि बिजली के संयंत्र भी लगाए।

संचेती के चाचा चैनसुख संचेती फिलहाल मलकापुर से भाजपा के विधायक है। संचेती नितिन गडकरी के अलावा राजनाथ सिंह के भी करीबी रहे हैं और दलाली तो उन्होंने खूब की लेकिन पार्टी में कोई पद उन्होंने नहीं पाया। नितिन गडकरी ने विशेष स्थायी आमंत्रित सदस्य के तौर पर संचेती को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल कर लिया। संचेती भी एक बड़ा कारण थे जिनक वजह से भाजपा आलाकमान के निर्णायक नेता अर्जुन मुंडा के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे।

इसीलिए घबराए हुए अर्जुन मुंडा अपने दोनों उप मुख्यमंत्रियों हेमंत सोरेन और सुदेश महतों के साथ नागपुर पहुंचे और नितिन गडकरी का आशीर्वाद तो लिया हीए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से भी आर्शीवाद लिया। वैसे फोन पर वे लगातार पत्रकारो से यही कहते रहे कि कुछ दिन पहले मेरे पिता का निधन हुआ है और मेरी मां की तबीयत ठीक नहीं हैं इसलिए मैं उनका ध्यान रख रहा हूं। इसी श्रवण कुमार वाली भूमिका में मुंडा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली और बहुमत भी साबित कर दिया।

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